आशा भोसले ने कहा, "अक्कलकोट नरेश श्रीमंत विजयसिंहराजे भोसले के स्मरणार्थ अक्कलकोट निवासी ब्रह्मांडनायक स्वामीरत्न राष्ट्रीय पुरस्कार मेरे लिए पवित्र और प्रसाद की तरह है। मैं भाग्यशाली हूं कि श्री स्वामी समर्थ के पदस्पर्श से पुनीत हुई इस नगरी में पहली बार कदम रखते ही मुझे इतने भव्य पैमाने पर हुए समारोह में जन्मेजयराजे भोसले द्वारा राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार देकर मुझे सम्मानित किया गया। जन्मेजयराजे भोसले महान कार्य कर रहे हैं और उनका ये धार्मिक कार्य भविष्य में और भी बढ़ता ही जाएगा।" इस तरह ही बातें करते हुए आशा भोसले ने अपने जीवन और अपने द्वारा गाए गये गानों के किस्से भी सुनाए। साथ ही उन्होंने वरिष्ठ कवि महानोर, अभिनेता स्वप्निल जोशी, हृदयनाथ मंगेशकर के कार्यों की भी ख़ूब प्रशंसा की और पुरानी यादों को ताज़ा किया। इसी के साथ ही उन्होंने जीवन के संघर्षों की भी बात की। आशा भोसले ने इंटरव्यू लेनेवाले सुधीर गाडगील द्वारा किये गये सवालों का खुलकर जवाब दिया। इस मौके पर उन्होंने भाव गीत भी गाया।
राज्य स्तरीय पुरस्कारार्थी एन. डी. महानोर ने कहा, "अन्नछत्र मंडल के अध्यक्ष जन्मेजयराजे भोसले ने ये प्रतिष्ठित पुरस्कार देकर मुझे अपना स्वामी रूपी आशीर्वाद दिया है। श्रीक्षेत्र अक्कलकोट की 'मिट्टी का टिला मेरे खेतों के टिले में घुलमिल जाएगा', ये कहकर मंगेशकर परिवार द्वारा रचित गाने की जानकारी देते हुए उनके द्वारा रची गई कविता का उल्लेख उन्होंने अपने भाषण में किया। मंगेशकर परिवार का योगदान और जन्मेजयराजे भोसले द्वारा दिये गये इस पुरस्कार को मैं कभी भी भुला नहीं पाऊंगा।"
फ़िल्म अभिनेता स्वप्निल जोशी ने इस मौके पर कहा, "अन्नछत्र मंडल के अध्यक्ष जन्मेजयराजे भोसले द्वारा 'स्वामी का पुरस्कार' देकर मुझे सम्मानित किया है, वो मेरे लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं है। मेरे माता-पिता का कहना है कि ये पुरस्कार स्वामी के प्रसाद के बराबर है। स्वामी की कृपा के चलते ही मैंने जीवन में कामयाबी हासिल की है। सबसे अहम बात ये है कि आशा भोसले जी और वरिष्ठ कवि एन. डी. महानोर जैसी नामचीन हस्तियों के सानिध्य में मुझे भी ये पुरस्कार प्रदान किया गया। आज इस मंच पर मंगेशकर परिवार भी मौजूद है, जिनके द्वारा आज तक स्वरबद्ध किये गये हर गाने का मैं फ़ैन हूं।"
अब तक 4000 लोगों का इंटरव्यू ले चुके सुधीर गाडगील को इस समारोह के दौरान सचिव शामराव मोरे के हाथों से सम्मानित किया गया। इस मौके पर हिरकणी संस्था की ओर से भी आशा भोसले को सम्मानित किया गया।
गणेश-करे पाटील ने पुरस्कार में मिली 11,000 रुपये की राशि में ख़ुद अपनी तरफ़ से 11,000 रुपये की राशि जोड़कर कुल 22,000 रुपये की नकद राशि अन्नछत्र मंडल को अन्नदान की रकम के तौर पर जन्मेजयराजे भोसले को सुपुर्द की। स्वामीसेवक जिला स्तरीय पुरस्कार गणेश चिवटे (श्रीमरा प्रतिष्ठान, करमाला), गणेश करे-पाटील (यश कल्याणी ग्रामीण सेवाभावी संस्था, करमाला), हिंदुराव गोरे रॉबिनहुड आर्मी के प्रमुख (सोलापुर) अनु व प्रसाद मोहिते प्रार्थना फाउंडेशन (सोलापुर), नानासाहेब कदम बार्शी को पुरस्कार, स्मृति चिह्न, नकद रकम देकर सभी मान्यवरों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के सूत्र संचालन और अन्नछत्र मंडल द्वारा विश्लेषणात्मक इंटरव्यू की ज़िम्मेदारी सुधीर गाडगील को सौंपी गई थी, तो वहीं श्वेता हुल्ले ने इस मौके पर सभी का आभार जताया।
अन्नछत्र मंडल के संस्थापक अध्यक्ष जन्मेजयराजे भोसले ने कहा, "श्री स्वामी समर्थ अन्नछत्र मंडल (ट्रस्ट) अक्कलकोट के 32वें स्थापना दिन और गुरू पूर्णिमा के उत्सवी मौके पर अक्कलकोट नरेश श्रीमंत विजयसिंहराजे भोसले के स्मरणार्थ पहली बार स्वामीरत्न राष्ट्रीय, स्वामीभूषण राज्य स्तरीय और स्वामीसेवक जिला स्तरीय संबंधित पुरस्कार समारोह में पद्मविभूषण आशा भोसले, मराठी सिनेमा के जाने-माने अभिनेता स्वप्निल जोशी और वरिष्ठ कवि-गीतकार एन. डी. महानोर जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित करने का अवसर हमें मिला है। हम इस बात को लेकर भी कृतज्ञ हैं कि इस समारोह की अध्यक्षता पद्मश्री पंडित हृदयनाथ मंगेशकर व राज्य गुप्तचर विभाग के अप्पर महासंचालक अतुलचंद्र कुलकर्णी जैसे दिग्गज कर रहे हैं।"
इस मौके पर अन्नछत्र मंडल को आईएसओ मानांकन व आईएसओ प्रमाणपत्र मान्यवरों के हाथों से जन्मेजयराजे भोसले और अमोलराजे भोसले को प्रदान किया गया। इस मौके पर संजय राऊल, लाला राठौड, राजशेखर लिंबीतोटे, अशोक किणीकर, लक्ष्मण पाटील, संतोष भोसले, संदीप फुगे-पाटील, डॉ. हरीश अफज़लपुर, एडवोकेट नितिन हबीब, पी. एन. कलप्पा पुजारी, पी. एन. विजय जाधव, दिलीप सिद्धे, डॉ. अंधारे, डॉ. दामा, भीमराव साठे, शिरीष मावले, प्रवीण देशमुख, राजू नवले, संजय गोंडाल, गणेश भोसले, शीतल फुटाणे, मनोज निकम, सनी सोनटक्के, गोविंदराव शिंदे, प्रसाद हुल्ले, दत्ता माने, प्रशांत शिंदे, शरद भोसले, राजेंद्र पवार, महांतेश स्वामी, मंडल के कार्यकर्ता, कर्मचारी आदि उपस्थित थे।
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